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E-RUPI SCHEME MEANING AND FULL INFORMATION



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क्या है e-RUPI? PM Modi आज करेंगे लांच, जानिए किस तरह यह डिजिटल करेंसी से है अलग और इसके फायदे

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e-RUPI: पीएम मोदी आज 1 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'e-RUPI' लांच करेंगे. यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है.

e-RUPI नगदी के लेन-देन का एक कैशलेस व कांटैक्टलेस डिजिटल पेमेंट्स मीडियम है जो पाने वाले के मोबाइल फोन पर एक एसएमएस स्ट्रिंग या क्यूआर कोड के रूप में प्राप्त होगा. (Image- IE)

पीएम मोदी आज 1 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम ‘e-RUPI’ लांच करेंगे. यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है. ई-रूपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को प्राप्त होगा. यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान होगा जिसे बिना किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड या मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के खास एस्सेप्टिंग सेंटर्स पर रिडीम कराया जा सकेगा.

इस प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने लांच किया है. यह सिस्टम पर्सन-स्पेशिफिक और पर्पज स्पेशिफिक होगा. e-RUPI के जरिए बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के सर्विसेज उपलब्ध कराने वाले को बेनेफिशयरीज व सर्विसेज प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्ट कराया जा सकेगा.

इस तरह इशू होंगे ये वाउचर्स

इस सिस्टम को एनपीसीआई ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बनाया है और सभी बैंक ई-रूपी जारी करने वाले एंटिटी होंगे यानी बैंक इसे जारी करेंगे. किसी भी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी को स्पेशिफिक पर्सन्स और किस उद्देश्य के साथ भुगतान किया जाना है, इसे लेकर सहयोगी सरकारी या निजी बैंक से संपर्क करना होगा. बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास शख्स के नाम पर होगा जो सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा.

e-RUPI के क्या होंगे फायदे

अमेरिका में एजुकेशन वाउचर्स या स्कूल वाउचर्स का एक सिस्टम है जिसके जरिए सरकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए भुगतान करती है. यह सब्सिडी सीधे माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित कराने के विशेष उद्देश्य से दिया जाता है. अमेरिका के अलावा स्कूल वाउचर सिस्टम कोलंबिया, चिली, स्वीडन और हांगकांग जैसे देशों में भी है.

सरकार के मुताबिक ई-रूपी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी लीकेज के डिलीवर किया जा सकेगा.

इसका इस्तेमाल मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दवाइयां और खाद सब्सिडी इत्यादि योजनाओं के तहत सर्विस उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा सकेगा.

सरकार के मुताबिक निजी सेक्टर भी अपने एंप्लाई वेलफेयर व कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम्स के तहत इन डिजिटल वाउचर्स का उपयोग कर सकती है.

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डिजिटल करेंसी से इस तरह अलग है e-RUPI

केंद्र सरकार केंद्रीय बैंक RBI की डिजिटल करेंसी लाने की योजना पर काम कर रही है और e-RUPI की लांचिंग से देश में डिजिटल पेमेंट्स इंफ्रा में डिटिजल करेंसी को लेकर कितनी क्षमता है, इसका आकलन किया जा सकेगा. इस समय जिस रुपये को हम सभी लेन-देन के लिए इस्तेमाल करते हैं, वह ई-रूपी के लिए अंडरलाइंग एसेट का काम करेगा. ई-रूपी की जो विशेषताएं हैं, वह इसे वर्चुअल करेंसी से भिन्न बनाती है और यह एक तरह से वाउचर आधारित पेमेंट सिस्टम की तरह है.